🕉️ गायत्री मंत्र
ॐ भूर्भुवः स्वः। तत्सवितुर्वरेण्यं। भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात्॥
🔍 अर्थ
यह मंत्र एक सुंदर प्रार्थना है जो सूर्य देव (सविता) की उपासना है। इसका शाब्दिक अर्थ है:
- ॐ – परमात्मा का मूल नाम
- भूः – पृथ्वी लोक
- भुवः – मानसिक स्तर / दुखों का नाशक
- स्वः – स्वर्ग लोक
- तत् – वह परमात्मा
- सवितुः – सृजन करने वाला (सविता - सूर्य)
- वरेण्यं – पूजनीय
- भर्गः – दिव्य तेज
- देवस्य – उस देवता का
- धीमहि – हम ध्यान करते हैं
- धियो – बुद्धि
- यो नः – जो हमारी
- प्रचोदयात् – प्रेरणा दे
🌟 महत्व
गायत्री मंत्र को वेदों की माता कहा जाता है। यह आध्यात्मिक शुद्धता, मानसिक शांति, और आंतरिक शक्ति का स्रोत है। इसका नित्य जाप करने से आत्मा को ऊर्जावान और बुद्धि को निर्मल किया जा सकता है।
🕰️ दैनिक जीवन में उपयोग
- सुबह-सुबह स्नान के बाद 108 बार जाप करें
- शुद्ध उच्चारण और ध्यान से इसका प्रभाव कई गुना बढ़ता है
- पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए यह मंत्र विशेष लाभदायक है
📖 निष्कर्ष
गायत्री मंत्र न केवल एक धार्मिक मंत्र है, बल्कि यह मन, वचन, और कर्म की पवित्रता का मार्गदर्शन भी करता है। हर दिन इसका जाप करना जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाता है।
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